मतलबी शायरी एक तरह की कविता है जो उन लोगों के बारे में बात करती है जो केवल अपने फायदे की परवाह करते हैं। “मतलबी” शब्द का मतलब है ऐसा व्यक्ति जो अपने स्वार्थ के लिए काम करता है, न कि सच्ची दोस्ती या प्यार के लिए। इस तरह की शायरी उस दर्द को दर्शाती है जब आप समझते हैं कि लोग आपको केवल तब इस्तेमाल करते हैं जब उन्हें आपकी ज़रूरत होती है।
In matlabi shayari in Hindi,शायरी में कवि दिखाते हैं कि रिश्ते कैसे झूठे हो सकते हैं। वे इस दर्द का वर्णन करते हैं कि कैसे पता चलता है कि कोई केवल दिखावा कर रहा था। यह कविता इस उदासी को दर्शाती है कि लोग अक्सर अच्छे व्यवहार का प्रदर्शन केवल अपने लाभ के लिए करते हैं।
यह शायरी लोगों को समझने और इस्तेमाल होने के भावनाओं से निपटने में मदद करती है। यह असली रिश्तों और स्वार्थ पर आधारित रिश्तों के बीच का अंतर दिखाती है, जिससे यह विश्वास और ईमानदारी की चुनौतियों पर अपने अनुभव और भावनाएँ साझा करने का एक शक्तिशाली तरीका बन जाती है।
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ToggleMatlabi Shayari In Hindi 2 Line
किसे है आज वफ़ा और ख़लूस की परवाह
हर एक से मिलता है इंसान मतलबी बनकर.
बड़े करीब से देखा है इनको
बड़े मतलबी होते हैं ये हुस्न वाले.
मतलब की दुनिया, मतलब का संसार है
बिना मतलब के यहाँ जीना बेकार है.
अभी तो और भी मतलबी थे मुझ में
बेवकूफ, तुम एक ही निकाल कर चल दिए.
उजड़े हुए दिल को आबाद करने की ज़िद न कर ऐ जिंदगी
जलाया हमने वो दिल जिसमें मतलबी लोग बसा करते थे.
जलाया हमने वो दिल जिसमें मतलबी लोग बसा करते थे
पहले लोग दिल से बात करते थे
अब मूड और मतलबी से बात करते हैं.
मतलबी से मिलने वाले मिलने का मतलब क्या जानें
यहाँ कोई एक भी बिना मतलब के बात नहीं करता.
सदियों बाद दस्तक हुई
जरूर कोई मतलबी होगा.
मुझे क्या हक है कि किसी को मतलबी कहूँ
मैं तो खुद अपने रब को मुसीबतों के वक्त याद करता हूँ.
बहुत ऐब होंगे हम में मगर
किसी से ताल्लुक मतलबी के लिए नहीं रखते.
दुनिया का दस्तूर ही ऐसा है
साथ वहाँ तक, मतलब जहाँ तक.
आज़मा कर देख लिया हमने दुनिया वालों को
कोई बेवफ़ा था तो कोई मतलबी यार.
मतलब पूरा होते ही
लहजे कड़े होने लगते हैं.
यहाँ कोई भी बिना मतलब के बात नहीं करता.
Matlabi Dost Shayari
आंसू निकल पड़े हैं जिंदगी के इस सफर में
जहाँ देखो, मतलबी मोहब्बत है और मकसद की दोस्तियाँ.
कहाँ से लाऊँ अब मخلص दोस्त
अब आइना भी हमें मतलबी लगता है.
मतलबी के लिए लोग सलाम करते हैं
मतलबी न होता तो दुनिया में हर शख़्स अकेला होता.
मतलबी यारी थी
मतलबी तक ही थी
मतलब के अलावा कौन किसको पूछता है
बिना आत्मा के घर वाले मिय्यत घर नहीं रखते
बातें करने लगे हो मीठी मीठी
मुझसे कोई काम पड़ गया है क्या.
मेरी चौखट से मिला करता था जिनको सूरज
अब वो खैरात में देते हैं उजाला मुझको.
मत चाहो किसी को इतना कि बाद में रोना पड़े
यह दुनिया चाहत से नहीं, ज़रूरत से प्यार करती है.
ज़िंदगी की भीड़ में हमने अक्सर
लोगों को मुस्करा कर बदलते देखा.
मतलबी के इस दौर में लोग तो कंधा भी यही सोचकर देते हैं
कि कल इस भीड़ की ज़रूरत हमें भी होगी
Matlabi Pyar Shayari
मतलबी ज़रूरत पूरी हो गई
मोहब्बत होती तो आज भी होती.
किसी को कितना भी अपना समझ लो
लेकिन वो एहसास दिला देता है कि वो अपना कभी था ही नहीं.
इतना भी मतलबी न हो यार किसी का
जब चाहा प्यार किया, जब चाहा भुला दिया
वाबस्ता करें किस से हम अपनी उम्मीदें
इस दौर में हर शख़्स वफ़ा भूल गया है.
बहुत नाज़ था मुझे अपने चाहने वालों पर
मैं अज़ीज़ सब को था मगर ज़रूरतों के लिए.
मुझको नोच कर ले गया
जिसको जितनी ज़रूरत थी मेरी.
वक्त ही न रहा किसी से वफ़ा करने का
हद से ज़्यादा चाहो तो लोग मतलबी समझते हैं.
टूटी चीज़ें बहुत परेशान करती हैं
जैसे दिल, नींद, भरोसा और सबसे ज्यादा किसी से उम्मीद.
फिर यूं हुआ, बे-मानी हो गई
मेरी ज़ात भी, मेरी बात भी
Matlabi Rishte Shayari
असल में तो मतलब ही खींच लाता है लोगों को
रिश्तों का तो बस नाम होता है.
हर शख़्स बड़े इज़्ज़त से मिला
पर अफ़सोस, अपने मतलबी की हद तक
हर शख़्स बा-उसूल, हर शख़्स बा-ज़मीर
सिर्फ़ अपनी ज़ात तक, ज़ाती मफ़ाद तक.
दूर रहने वालों ने ऐसा सिला दिया
अपनी यादों से हमें रुला दिया.
आपकी कीमत तब होती है
जब आपकी ज़रूरत होती है.
मैंने कुछ पल खामोश रहकर देखा है
मेरा नाम तक भूल गए मेरे साथ चलने वाले.
मतलबी की कश्ती पर सवार लोग
बहुत जल्दी मخلص लोगों से बिछड़ जाते हैं.
कुछ लोगों के सीने में
दिल की जगह कैल्कुलेटर होता है
हाथ मिलाने से पहले हिसाब लगा लेते हैं
इस बंदे से मुझे कितना फायदा होने वाला है.
बदल जाते हैं वो लोग वक्त की तरह
जिन्हें हद से ज़्यादा वक्त दे दिया जाए.
ज़िंदगी में जो भी मिला, सबक दे गया
हर शख़्स मेरा उस्ताद निकला.
Matlabi Duniya Shayari In Hindi
जब तक ज़र लुटाते रहोगे, ज़ीर्दस्त है दुनिया
ज़रा हाथ खींच कर देखो, कितनी मतलबी है दुनिया.
आज़मा कर देख लिया हमने दुनिया वालों को
कोई बेवफ़ा था तो कोई मतलबी यार
नहीं, मैं खफा नहीं हूँ किसी से
बस मेरा दिल भर गया है मतलबी दुनिया से और मुनाफिक लोगों से.
मخلص हैं तो मुख़्तसर हैं
मतलबी होते तो हुजूम होता.
रफ्ता-रफ्ता सीखी हमने दुनियादारी
पहले हम भी बात के पक्के होते थे.
कहाँ वफ़ा मिलती है मिट्टी के इन हसीन इंसानों से
ये लोग बिना मतलब के खुदा को भी याद नहीं करते
मुंह पर कड़वा बोलने वाले कभी धोखा नहीं देते
डरना तो उनसे चाहिए जो दिल में नफरत पालते हैं और वक्त के साथ बदल जाते हैं.
मतलबी लोगों का दुनिया पर कुछ यूँ असर हुआ
कि सलाम भी करो तो लोग समझते हैं कुछ काम होगा.
लोग सख्त मिजाज़ इस वक्त हो जाते हैं
जब उनकी नरम मिजाज़ी का लोग फायदा उठाते हैं.
फायदा बहुत गिरी हुई चीज़ है
लोग उठाते ही रहते हैं.
Best Emotional Matlabi Shayari
पहले लोग दिल से बात करते थे
अब मूड और मतलब से बात करते हैं.
मतलब पूरा होते ही
तललुक मुँह पर मार दिए जाते हैं.
तलब और مطلب में फर्क सिर्फ़ म का है
और इस म का मतलब मौका है.
बहुत सोचा, बहुत देखा, बहुत परखा
सच में, अपने सिवा कोई अपना नहीं.
ग़رض की दोस्ती थी, मतलब का ज़माना था
दिल में दुश्मनी थी, दोस्ती तो बहाना था.
जब ताल्लुक ज़रूरत के हों
तो उनकी याद भी ज़रूरत के वक्त आती है.
यकीन के पौधे पर सब्र और शुकर के फल लगते हैं
आजकल रिश्तों की नहीं, मतलब की कद्र होती है.
दो दिन हँस के मिलते हैं फिर भूल जाते हैं
ये लोग मतलब की हद तक कितना प्यार करते हैं.
यह मतलबी दुनिया है यारों
यहाँ लोग मोहब्बत भी करते हैं तो मतलब से.
मेरे अपनों ने यह कहकर छोड़ दिया
अब हमें तुम्हारी ज़रूरत नहीं रही.
इंसान जो एहसान फरामोश और मतलबी होता है, सब कुछ हासिल होने के बावजूद अकेला और बे-सुकून रहता है.
सब मतलबी की बात समझते हैं
काश कोई बात का मतलब समझता.
Top 2024 Shayari On Matlab
रोज लोगों के मायार बदलते हैं
मतलबी से रिश्तेदार बदलते हैं
मोहब्बत में हिस्सेदार बदलते हैं
चेहरा वही होता है पर किरदार बदलते हैं.
कोशिश करें बिना मतलब के अच्छे बनें
तलब से तो बहुत से अच्छे बने फिरते हैं.
और ये मतलबी लोग आपसे नहीं
आपके अच्छे वक्त से हाथ मिलाते हैं.
मतलब है तो ज़िक्र है
वरना किसको किसकी फिक्र है.
मतलबी ज़रूरत पूरी हो गई
मोहब्बत होती तो आज भी होती.
असल में तो मतलब ही खींच लाता है लोगों को
रिश्तों का तो बस नाम होता है.
हमने नापा है रिश्तों की पैमाइश को
इसकी लंबाई सिर्फ़ मतलब तक है.
कोई नहीं बनता यहाँ किसी का भी
मतलब निकलते ही लोग पराया कर देते हैं.
कोई कहता है दुनिया प्यार से चलती है
कोई कहता है दुनिया दोस्ती से चलती है
जब आज़माया तो पता चला, दुनिया सिर्फ़ मतलब से चलती है.
ये मतलब की दुनिया है, यहाँ सुनता नहीं फ़रियाद कोई
हँसते हैं तब लोग जब होता है बर्बाद कोई.
क्यों किसी की उम्मीद रखते हो साहब
बताती तो रही हूँ, यह मतलबी दुनिया है.