बदमाशी shayari एक अनोखी कविता की शैली है जो हिंदी में विद्रोही और साहसी भावनाओं को व्यक्त करती है। यह विरोध की भावना, अटिट्यूड और कभी-कभी थोड़ा सा हास्य भी कैद करती है। ये couplets अक्सर उस व्यक्ति की निर्भीकता को दर्शाते हैं जो नियमों का पालन नहीं करता और loves को अपने तरीके से जीना पसंद करता है। चालाक शब्दों और लय के माध्यम से, बदमाशी shayari उन लोगों से जुड़ती है जो life में थोड़ी शरारत को पसंद करते हैं।.
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम कुछ badmashi shayari in Hindi, साथ ही images में, 2 line (couplets) में साझा करेंगे। तो चलिए, हमारी संग्रह को खोजते हैं ताकि आप अपने लिए सबसे अच्छे लाइन पा सकें.
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आजकल वो बच्चे भी बदमाशी दिखाते हैं
जो जहाज पर बैठ के लिए थूक भी खुद ही लगाते थे।.
हमें क्यों सुनाते हो बदमाशी के क़िस्से
हम कौन से फूल बेचकर जवान हुए हैं।.
बदमाशी की बातें हमारे सामने न करना साहब
जिस किताब को तुमने पढ़ा है वो किताब हमने ही लिखी है।.
बेवक्त, बेवजह, बेहिसाब खा लेता हूँ
आधे दुश्मनों को तो यूँही डरा देता हूँ।.
तुमने अभी सिर्फ़ हमारी शराफ़त देखी है
बदमाशी देखोगे तो घर से भी नहीं निकलोगे।.
जब लोग आपका मुकाबला नहीं कर सकते
वो आपसे नफ़रत करने लग जाते हैं।.
मुक़ाबले की ज़िद है तो मुक़ाबला कर के देख लो
हमने पहले भी कई बार ज़माने के भरम तोड़े हैं।.
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हो।.
मैं समझता ही नहीं तुम्हें मद्द-ए-मुक़ाबिल अपना
तुम फ़िज़ूल में बने फिरते हो मुख़ालिफ़ मेरे।.
सही वक़्त पे करवा देंगे हदों का एहसास
कुछ तालाब ख़ुद को समुंदर समझ बैठे हैं।.
अगर हारा हुआ इंसान हारने के बाद भी मुस्कुरा दे
तो जीतने वाला अपनी जीत की ख़ुशी खो देता है।.
औक़ात नहीं आँख से आँख मिलाने की
और लोग नाम मिटाने की बात करते हैं।.
सादगी अपनी जगह साहब
सरफिरे मशहूर हैं हम।.
सबके होठों पे मेरे बाद हैं बातें मेरी
मेरे दुश्मन मेरे लफ़्ज़ों के भिखारी निकले।.
ग़ौर से मेरी आँखों में देख लो
दुश्मनों, ख़ुदा के सिवा किसी का ख़ौफ़ नहीं।.
बदनामी से डरती है
बदमाशी से नहीं।.
मैं तो शरीफ़ हूँ
इसलिए तो यार बदमाश हैं।.
2 Line Badmashi Shayari In Hindi
के अपनी बदमाशी सामने रख ओ मेरा पटराव.
जदन तू सादे नल आ जाएगा, ओ तो जिला ही छा जाएगा।.
हमारे दोस्तों में कोई दुश्मन हो भी सकता है
ये अंग्रेज़ी दवाइयाँ हैं, रिएक्शन हो भी सकता है।.
तूने देखे ही नहीं शायद वो चिराग
जो बुझते-बुझते भी हवाओं से उलझ जाते हैं।.
इन हवाओं से भी जल्द सामना होगा
जो आजकल हमारे खिलाफ बहुत चल रही हैं।l
हद पार भी हो और हद में न हो
मतलब जवानी हो और मुकदमे न हों।.
हक़ीक़तों की चादर में लिपटे हैं अफ़साने अपने
दोस्त तो दोस्त, दुश्मन भी हैं दीवाने अपने।.
हम तो सिर्फ़ अच्छे लोगों को जानते हैं
और बुरे लोग हमें अच्छी तरह जानते हैं।.
टके-टके पर बिकने वाले लोग
आज मेरे मुख़ालिफ़ बने फिरते हैं।.
मुकाबले का हो दुश्मन तो डट के लड़ता हूँ
मैं ख़ुदा का बंदा हूँ, कमज़ोर से डरता हूँ।.
डर तो मुनाफ़िक़ों से लगता है
दुश्मन तो मैंने हजारों बना रखे हैं।.
मानते हैं तुम ताकत में बहुत ज़्यादा हो
पर जिस दिन हम मैदान में उतरे, तुम नहीं या हम नहीं।.
तुम जानते ही क्या हो मेरे बारे में
जाओ अपने बड़ों से पूछो, वो बताएँगे।.
सही वक़्त पे करवा देंगे हदों का एहसास
कुछ तालाब ख़ुद को समुंदर समझ बैठे हैं।.
अपनी अना की आख़िरी ज़ंजीर तोड़कर
दुश्मन ने भी मदद को पुकारा, तो मैं गया।.
वाक़िफ़ नहीं ये दुनिया मुझ जैसे हमदर्द से
क़तरा हूँ मगर मेरा रिश्ता है समंदर से।.
अना की मोज़ मस्ती में अभी भी बादशाह हैं हम
जो हमको तोड़ देता है, हम उसे छोड़ देते हैं।.
मेहनत से एक दिन शोर होगा
याद रखना, अपना भी एक दौर होगा।.
Attitude Badmashi Shayari In Hindi
जीना है तो ऐसे जियो कि ज़माना भी इज़्ज़त करे
अगर मर जाएं तो दुश्मन भी क़बर को सलाम करे।.
वक़्त तो आने दो, ये सब कहेंगे,
कि हमारा फलाँ लगता है।.
किस्मत के तराज़ू में तोलो तो फ़क़ीर हैं हम
दर्द दिल में हम-सा नवाब ही नहीं।.
सादा मिज़ाज हूँ, मुझे सादगी पसंद है
तख़लीक़ खुदा हूँ, मुझे आज़िज़ी पसंद है।.
खंजर पर धार रखते हैं
निगाह में वार रखते हैं,
हम छोटे दुश्मन नहीं पालते
दुश्मन भी साहब मियाज़ रखते हैं।.
हमारी सादा दिली ही हमारा जुर्म हुई
ज़माना साज़ जो होते तो मुस्तकबिल होते।.
हमें कोई पहचान न पाया करीब से
कुछ अंधे थे, कुछ अंधेरों में थे।.
लोग जिस चीज़ का ख़ौफ़ रखते हैं
हम उस चीज़ का शौक रखते हैं।.
कशिश पैदा कर अपने किरदार में
ज़माना खुद तेरी आहट के पीछे आएगा।.
इंसान सिर्फ़ आग से नहीं जलते हैं,
कुछ लोग तो हमारे अंदाज़ से जलते हैं।.
दरख़्तों से गिर जाने वाले पत्ते नहीं हैं हम
तूफ़ानों से कह दो कि अपनी औकात में रहें।.
हमारी अफ़वाह का धुआँ वहीं से उठता है
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती है।.
फलक की ऊँचाइयों तक सीमित हैं हमारे हौसले
ए ज़िंदगी, तेरी कुछ ठोकरों से हारने वाले नहीं हैं हम।.
झुकता नहीं ये सिर किसी नवाब के आगे
हम अपनी गरीबी में भी अमीरी की अदा रखते हैं।.
परकशिश अंदाज़ है अपना
सादगी में भी बादशाह लगते हैं।.
बदमाशी शायरी 2 लाइन haryanvi
लोग इंतज़ार करते रहे हमारे ज़वाल का
ख़ुदा ने भी हमें दिए हौसले कमाल के।.
अभी तो हम अरोह पर पहुँचे ही नहीं
और लोगों को इंतज़ार है हमारे ज़वाल का।.
इसे कहो हमारी बराबरी करना छोड़ दे
एड़ी उठाने से कद बड़े होते हैं, जिगरे नहीं।.
सबके होठों पे मेरे बाद हैं बातें मेरी
मेरे दुश्मन मेरे लफ़्ज़ों के भिखारी निकले।.
जितना बदल सकता था, बदल लिया खुद को
अब जिनको शिकायत है, बदल लें रास्ता अपना।.
मैं खुद एक आग हूँ
मुझे किसी से जलने की ज़रूरत नहीं है।.
मुकाबले का हो दुश्मन तो डट के लड़ता हूँ
मैं ख़ुदा का बंदा हूँ, कमज़ोर से डरता हूँ।.
हम क्या हैं, ये सिर्फ़ हम ही जानते हैं
लोग तो सिर्फ़ हमारे बारे में अंदाज़ा ही लगा सकते हैं।.
कामयाबी हासिल करो लेकिन पैसे के लिए नहीं
बल्कि अपनी पहचान बनाने के लिए।.
हम मतलब परस्त नहीं कि चाहने वालों को धोखा दें
बस हमें समझना हर किसी के बस की बात नहीं।.
हम सादगी में झुक कर गए
लोगों ने हमें गिरा हुआ ही समझ लिया।.
फरेबी भी हूँ, ज़िद्दी भी हूँ, बदक़लाम भी
मासूमियत खो दी है मैंने वफ़ा करते-करते।.
हमारा अगला सफ़र धूप का सही लेकिन
तुम्हारी छाँव में अब लौट कर नहीं आना।.
इज़्ज़त और तारीफ़
मांगी नहीं जाती, कमाई जाती है।.
हमारे कद के बराबर न आ सके जो लोग
हमारे पैरों के नीचे खुदाई करने लगे।.
कुछ वक़्त लगेगा
इसके बाद वक़्त हमारी मिसाल देगा।.
बदमाश शायरी 2024
हम अपनी सफाई पेश नहीं करते
जिसने जैसा सोच लिया हम बिल्कुल वैसे हैं।.
हमारे मानक के शब्द नहीं मिलेंगे तुम्हें
तारीफ तो क्या, तुम तो तर्क भी नहीं कर पाओगे।.
किसी को पाने की हसरत न रख
खुद इस काबिल बन कि लोग तुझे पाने की तमन्ना करें।.
मुझको बुरा बनाने में
हाथ है अच्छे लोगों का।.
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं
खानदानी बाज़ों की उड़ान में कभी आवाज़ नहीं होती।.
किसी को नीचा दिखाना मेरी फ़ितरत नहीं
और कोई मुझे नीचा दिखाकर बच जाए, ये उसकी किस्मत में नहीं।.
अपने हर लफ़्ज़ में कहर रखते हैं हम
रहे ख़ामोश, फिर भी असर रखते हैं हम।.
मुझसे जलने वालों, अपनी दुआओं में असर लाओ
मुझे चाहने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।.
क्यों करें भरोसा ग़ैरों पर,
जब चलना है अपने पैरों पर।.
जिनको तूफान से उलझने की आदत हो
ऐसी कश्ती को समंदर भी दुआ देते हैं।.
हमको मिटा सके ज़माने में दम नहीं
ज़माना हमसे है, ज़माने से हम नहीं।.
जो लोग हमें देखकर जलते हैं,
उन्हें कहना, अभी तो हम सादगी से चलते हैं।.
हमसे ख़ुशामद किसी की न हो सकी
इस एतबार से मशहूर बदतमीज़ हैं हम।.
कुछ नहीं उखाड़ सकोगे मेरा
मुझे अगर बर्बाद करना है तो मुझसे मोहब्बत करो।.
हमसे नहीं होगी वक्त की गुलामी
हम जब भी आएंगे, अपना वक्त साथ लाएंगे।.
कहाँ मुमकिन है कि कोई हम जैसा मिले
हम अपने आप में एकलौते हैं।.
Final Thought
बदमाशी शायरी की पंक्तियाँ विद्रोह और मज़े की भावना को दर्शाती हैं, जिससे यह उन सभी के लिए समझने में आसान होती हैं जो शरारत को पसंद करते हैं। हमें उम्मीद है कि आपको हमारी बदमाशी शायरी का संग्रह पसंद आया होगा। नीचे टिप्पणी करने में संकोच न करें! ये कापलेट आपको अपने आप होने और पूरी तरह से जीने की याद दिलाएँ। हमारे साथ खोज करने के लिए धन्यवाद!