Dard Bhari Bewafa Shayari is a type of poetry that talks about sadness and betrayal in love. It expresses the deep pain we feel when we love someone and they leave us. After that, we often feel alone and search for heartfelt words to express our feelings of betrayal. Here, we have gathered all of that for you. This shayari helps you show your feelings to them. Many people can relate to these emotions, making the shayari touch their hearts.
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ToggleDard Bhari Bewafa Shayari
भला दें के तुम्हें थोड़ी सबर तो कीजिए
आप की तरह होने में कुछ वक्त तो लगेगा.
कहीं तुम भी न बन जाऊं विषय किसी किताब का
लोग बड़े शौक से पढ़ते हैं कहानियाँ बेवफाओं की.
किसी न किसी से वो निभाएगी जरूर
चाय झूठी जो पी गई थी मेरी.
वह मेरे बिना खुश है तो शिकायत कैसी
अब उसे खुश भी न देखूं तो मोहब्बत कैसी.
मेरी तलाश का जुर्म है या मेरी वफा का कसूर।
जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला।.
हम फकीरों से क्या पूछते हो दास्तान मोहब्बत
हम तो बेवफाओं को भी जीने की दुआ देते हैं.
कुछ नहीं मिलता जितनी मरजी वफा कर लो किसी से
जब वक्त वफा न करे तो वफादार भी बेवफा हो जाते हैं.
हमने तो एक बेवफा की खातिर
दुनिया और आखिरत दोनों तबाह कर दीं.
हमने बहुत कुछ सीखा इस दुनिया में
न सीखे सके तो बस किसी को भूल जाना.
एक نقش भी उधर से उधर न होने पाए
मैं जैसा तुम्हें मिला था मुझे वैसा जुदा करो.
ना जाने क्यों आते हैं जिंदगी में वो लोग
वफाएँ कर नहीं सकते बातें हजार करते हैं.
मेरी शामों की रौनक हुआ करता था
वह शख्स जो अब बात भी नहीं करता मुझसे.
बात मायूब भी है और बहुत खूबसूरत भी है
मेरा महबूब किसी और का महबूब भी है.
Dard Bhari Shayari 2 Line
मुझे भूल जाने का दावा अपनी जगह
मेरे नाम पर तेरा चौंक जाना अच्छा लगा.
मेरी जिंदगी में एक शख्स इतना अहम हो गया
उसे हमसे मोहब्बत है, हमें यह वहम हो गया.
इतना बेहतर भी मत ढूंढो
कि बेहतरीन को ही खो दो.
मुकद्दस जान कहकर पुकारा तो लरज गई मेरे दिल की ज़मीन
मुड़ के देखा तो वह मुखातिब किसी और से थे.
बेवफा, यूं तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है.
यह दिल है हर फरेब की लज़्ज़त से आशना
वह लाख बेवफा सही पर मुझको चाहिए.
फिर आज कौन है मेरी जगह पर
तुम तो कहते थे नहीं तुम सा कोई.
माना कि हम गलत थे जो तुझसे चाहत कर बैठे
पर रोएगा कभी तो भी ऐसी वफा की तलाश में.
मेरे दिल में रहकर किसी और को चाहने वाले
खुदा तुझे तुझ जैसे महबूब से नवाजे.
वह सलीके से हुआ मुझसे ग़रेज़ां वरना
लोग तो साफ मोहब्बत से मुकर जाते हैं.
बदल गया क्यों मिजाज तेरा कुछ ही मुदत में
तू तो कहता था बदलते लोग मुझे अच्छे नहीं लगते.
हमें ही न आई लगाने यारी
वह तो हर एक का बना फिरता है.
किसी की जिंदगी बनो या बंदगी
मेरे लिए तो मर गए हो, खुश रहो.
बस एक बात ने मुझे रोला दिया
किसी और के लिए उसने मुझे भुला दिया.
न जाने क्या बात है उसकी उदास आँखों में
कि वह बेवफा हो के भी बेवफा नहीं लगता.
तू बदलता है तो बे-खुदा मेरी आँखें
मेरे हाथ की लकीरों से उलझ जाती हैं.
मेरी कब्र को तकिया आग़ोश बना के बैठा है
मेरे कातिल का कहीं दिल न लगा मेरे बाद.
Best दर्द भरी बेवफा शायरी इन हिंदी
इतना भी हमसे नाराज न हुआ कर
बदनसीब जरूर हैं पर बेवफा नहीं
मुझसे पहले भी था कोई उसका
वह मेरे बाद भी किसी और का है
दुनिया हजार ज़ुल्म करे, उसका तो ग़म नहीं
तू ने जो मारा फूल, वह पत्थर से कम नहीं
मेरे बाद जो ऐसा किसी को पाओ, तो
मेरे बाद ऐसा किसी से मत करना!
सितम यह नहीं कि वह वफा नहीं करता
तीखे लहजे में कहता है, जा नहीं करता
मैं मर जाऊं तो मेरा दिल निकाल कर उसे दे आना
मैं नहीं चाहता कि मेरे मरने के बाद वह खेलना छोड़ दे
उसके छोड़ जाने के बाद हमने मोहब्बत नहीं की
छोटी सी जिंदगी है, किस-किस को आजमाते फिरेंगे
तो इस तरह से मेरे साथ बेवफाई कर
कि तेरे बाद मुझे कोई बेवफा न लगे
मैं मर क्यों जाती उसके बेवफा होने से
क्या वह ही था इस दुनिया में दिल लगाने के लिए
अगर उन्हें बेवफा बोलूं तो तौहीन है वफा की
वह तो निभा रहे हैं, कभी इधर कभी उधर
कैसे आएंगे तुम्हारी महफ़िल में हम
तुम्हारा सब पे मेहरबान होना हम से देखा नहीं जाता
हम ही ने तर्क-ए-ताल्लुक़ में पहल की
वह चाहता था मगर हौसला न था उसका
बिछड़ने का वह पहले से तहेय्य कर चुका था
उसे मेरी तरफ से बदगुमानी चाहिए थी
याद करोगे एक दिन मुझे यह सोचकर
क्यों नहीं क़दर की मैंने उसके प्यार की
Bewafa Larki Dard Bhari Shayari
ज़माना छान कर क्या था चुनता तुमको
मेरी किस्मत ही ऐसी कि तुम भी बेवफा निकली
मिलता ही नहीं तुम्हारे जैसा कोई इस शहर में
हमें क्या पता था तुम एक हो, वह भी किसी और के
तुमको किरदार बदलने में माहिर होना, मगर
क्या करोगे अगर बदल दी कहानी हमने
यह बात अलग है कि आज वह अपनों में खुश है
यह बात भी सच है कि कभी हम भी उसके अपने थे
हमसे बेवफाई की इंतहा क्या पूछते हो
वह हमसे प्यार सीखता रहा किसी और के लिए
गैरों में तो गिनेंगे, हरगिज तुमको नहीं
अपनों में भी तुम्हारा नाम नहीं रहा
मोहब्बतें पनाह मांगती हैं
लोग इस कदर बेवफा हैं आजकल
बहाने क्यों तलाश करते हो व्यस्त होने का
बस इतना कह दो, अब दिल में जगह नहीं रही
बेवफाई चाहे पुरुष करे या महिला, वफा
निभाने वाले के लिए मौत तय हो जाती है
छोड़ने वाले क्या जानें कि
यादों के बोझ कितने भारी होते हैं
गैर के दिल में जो उतरना था
मेरे दिल से उतर गए होते
तुझसे अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले
जो हर बात में कहते हैं, तुझे छोड़ेंगे नहीं
मुझे बेवफा कहने से पहले मेरे रग-रग का खून निचोड़ लेना
अगर बूँद-बूँद से वफा न मिली तो बेशक मुझे छोड़ देना
Bewafa Larka Dard Bhari Shayari
बदलते लोग मैंने बहुत देखे हैं
पर तुमने तो हद ही कर दी।.
छोड़ दिया जिस के लिए ज़माना हमने
वह हमें छोड़ गया ज़माने के लिए।.
नसीब से ज्यादा भरोसा तुम पर किया था, साहब
फिर भी नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गए।.
समय बताएगा उसे हमारी कदर
जब नए लोगों से ठोकर लगेगी।.
दुआएं बद नहीं देता, बस इतना कहता हूँ
कि जिसे तेरा दिल लगे, वह तुझ सा बेवफा निकले।.
सब ने मेरा साथ छोड़ दिया कि बेवफा हो तुम
फिर किसी ने कहा कि तुम बेवफा नहीं, गरीब हो।.
मेरी करीबियों का वह आदी हो गया, वरना
मोहब्बत उसे आज भी किसी और से है।.
तुमने सोचा ही नहीं छोड़ के जाने वाले
मैं तो जिंदा ही मोहब्बत के सहारे पर था।.
मतलब खत्म हुआ तो मुझे छोड़ गया वह शख्स
फकत यह कहकर, अब हम आपके कुछ नहीं लगते।.
चलो अच्छा हुआ, वह किसी और का हो गया
खत्म हुई फिक्र उसे अपना बनाने की।.
तुम्हारी बातों से लगने लगा है
किसी की बातों में आए हुए हो।.
किस्मत से भी लड़ जाते हम
अगर तुमने साथ न छोड़ा होता।.
Bewafa Wali Shayari
बहुत तकलीफ देता है तेरा यह अजनबी लहजा
कंप्लीट भूल जा मुझको या मुझसे दूर हो जा तो.
मजबूरियाँ तेरी समझते, समझते
बात सारी समझ गए हम.
मैंने एक बेवफा से वफा करता रहा
वह गैरों से मिलकर मुझे तबाह करता रहा.
कितने झूठे थे हम मोहब्बत में
तुम भी ज़िंदा हो, हम भी ज़िंदा हैं.
कितने आराम से छोड़ दिया तुमने बात करना
जैसे सदियों से तुम पर बोझ थे हम.
मैं तुमसे गिला करूं तो कैसे करूं
तुम प्यार थे मेरे, पर मैं नहीं था तुम्हारा.
ए दिल, क्यों उसके पीछे पागल है
जिसको तेरी परवाह तक नहीं है.
मेरे बाद अगर किसी को मुझ जैसा पाओ
तो मेरे बाद किसी के साथ मुझ जैसा ना करना.
दस्तूर वफा समझो या उसूल मोहब्बत
कुछ तुम बदल रहे थे, कुछ हम बदल गए.
दूसरे लोग भला कैसे वो दुख समझेंगे?
तीसरे शख्स से जब कोई खबर मिलती है.
अब मायूस क्यों हो उसकी बेवफाई पर
तुम खुद ही कहते थे, वह सबसे अलग है.
वह मुझे जिंदगी में ही मरना सिखा गई
बेवफाई ऐसी की, कि कब्र का रास्ता दिखा गई.
कोई नहीं था दिल में उसके सिवा
फिर भी तोड़ कर देखा, उसने मेरा दिल.
Dard Bhari Bewafa Shayari for Status
नहीं भूले हम तेरी वो गैरों से बातचीत
जला है दिल, तभी करने लगे हम मरने की आरज़ू.
पायेदार ख़लूस में दिक्कतें न कर
चाहत नहीं तो हमसे अदाकारी न कर.
ज़माने से बिगाड़ी थी, तुझे अपना बनाना था
रहेगा याद, क़ब्र तक किसी से दिल लगाया था.
मेरा दिल भी तेरी तरह बेवफा निकला
जालिम, धड़कता भी है तो किसी और के लिए.
बेवफाई वो गुनाह है जिसकी माफ़ी नहीं होती
जान लेता है इश्क, सिर्फ़ वफ़ा काफी नहीं होती.
एक तुझसे ताल्लुक़ खत्म होने के बाद
मैंने चुन-चुन कर ताल्लुक़ खत्म किए.
ऐसी मोहब्बत का क्या करे कोई
जो किसी को आज़मा कर वापस आई हो.
तुम्हें बेवफा कहने की हिम्मत तो नहीं लेकिन
इतना ज़रूर कहना है कि वफ़ाएँ यूँ नहीं होतीं.
मेरा क़ैस जैसा चर्चा तो नहीं, मगर वफ़ा
जहाँ से गुज़रूँ, आवारगी सलाम करती है.
कितना अजीब है उनका अंदाज़ मोहब्बत
रोज़ रुला के कहते हैं अपना ख़याल रखना.
एक अनोखे तरीके से रिजेक्ट किया गया मुझे
आप बहुत अच्छे हैं, पर मैं आपके काबिल नहीं.
पता है उसका आखिरी जुमला क्या था?
मुझसे पूछ कर की थी मोहब्बत.
मुझको सारे ही छोड़ जाते हैं
तुम मेरे साथ कुछ नया करो.
तुम्हारा बदलना तुम्हें मुबारक हो
हम बदले तो मोहब्बत बदनाम हो जाएगी.
छोड़ दो इस बेवफा को किसी गैर के पास
इतनी चाहत के बाद मेरा नहीं हुआ, वह किसी और का क्या होगा.
जब कोई नहीं था तेरा, तो बहुत अज़ीज़ थे तुझे हम
नए लोग जो मिल गए, तो हमारी औकात ही न रही.